अक्ल बडी या भैंस पूछकर सबको भरमाएगी ॥ जिसकी लाठी भैंस उसी की और अक्ल भी उसकी ।
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डॉ 0 पाण्डेय जी नेताजी के पास परम अनुयायी थे, वह बस स्टेशन फैजाबाद से सटे पश्चिम तरफ रामभवन के बाहर तत्कालीन जिला प्रशासन की कारगुजारियों पर दर्जनों साथियों के साथ डेरा डाले थे, लेकिन माइट इज राइट यानि “ जिसकी लाठी भैंस उसी की ” प्रशासन ने रामभवन से मिले गुमनामी बाबा के सामान को ‘ सीज ' कर कचेहरी में स्नान तालों के भीतर रखवा दिया।